गोवर्धन पूजा – अन्नकूट
10 Lines On Govardhan Puja, गोवर्धन पूजा – अन्नकूट एक त्योहार है जो भारत के सभी हिस्सों में बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के आधार पर या तो अगले दिन या दिवाली त्योहार के एक दिन बाद मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव के निशान मथुरा और गोकुल में देखे जा सकते हैं जहाँ यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने भगवान इंद्र को सबक सिखाने के लिए पूरे गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
उस दिन से, यह हर साल गोवर्धन पूजा मनाने की परंपरा बन गई। गोवर्धन पूजा पर भगवान कृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत की भी पूजा की जाती है जिसे गोकुल और मथुरा की जीवन रेखा माना जाता है।
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10 Lines On Govardhan Puja in English
- Govardhan Puja is celebrated annually by Hindus after the main festival of Diwali.
- According to the Gregorian calendar, Govardhan Puja comes in the month of October November.
- Lord Krishna is mainly worshipped by devotees on Govardhan Puja.
- Govardhan Puja is actually the celebration of importance of Govardhan Mountain in Braj.
- The rituals of Govardhan Puja start from the holy bath in ‘Manasi Ganga’ with puja of Manasi Devi, Harideva and Brahma Kund.
- Another festival “Bali Pratipada” or “Bali Padva” is also celebrated which commemorates the victory of Lord Vamana over the demon King Bali.
- In Annakut during Govardhan Puja, up to 56 kinds of dishes are offered to Lord Krishna and this offering is also known as ‘Chappan Bhog’.
- Govardhan pooja teaches a lot of things and the very first one is, always to do what is correct and God will always help you at any cost.
- Lord Krishna had lifted the Govardhan hill for 7 days on his little finger.
- Lord Krishna lifted the Govardhan hill to provide shelter to his devotees from excessive rainfall.
10 Lines On Govardhan Puja in Hindi
- गोवर्धन पूजा हमारी माता के समान गाय की पूजा किए जाने वाला एक त्योहार है।
- 6 नवंबर 2021 तारीख को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
- आज के दिन गौमाता को सजाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है।
- हिन्दी पंचाग के कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को गोवर्धन पूजा मनाया जाता है।
- गोकुल और मथुरा के लोग बड़े उत्साह और खुशी के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।
- गोवर्धन पूजा अहंकार पर समर्पण और प्रेमभाव की जीत का प्रतीक है।
- लोग गोवर्धन पर्वत को देवता मानते हैं क्योंकि वे हमें भोजन, आश्रय, ईंधन और पशुओं के लिए चारा देते हैं।
- लोग गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का स्वरूप बनाते हैं और प्रसाद व फूल चढ़ाकर पूजा करते हैं।
- भारत के कुछ हिस्सो में इस त्योहार को अन्नकुट पर्व के नाम से भी पुकारते हैं।
- अन्नकुट के पर्व में भगवान कृष्ण को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है जिसे 56 भोग कहा जाता हैं।
- भगवान् श्रीकृष्ण ने इस दिन गोवर्धन पर्वत को उंगली के छोर पर उठाकर ग्रामवासिओं की रक्षा की थी जिस कारण इस त्यौहार को मनाया जाता है।