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Jhula | झूला | Rimjhim-1 |Chapter 1|Hindi Poem

Jhula RIMJHIM-1

Jhula RIMJHIM-1

आइए आज हम रिमझिम भाग-1 पाठ-1 “झूला” का पाठ अध्ययन करेंगे, साथ ही इसके प्रश्न उत्तर को भी हल करेंगे । हमें उम्मीद है कि आपहमें उम्मीद है कि आपको हमारा वीडियो अच्छा लगा होगा।

SHUBHYOUBER

Chapter-1 “झूला”

अम्मा आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूंगा।

उस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर, आसमान को मैं छू लूंगा।

झूला झूल रही है डाली, झूल रहा है पत्ता-पत्ता।

इस झूले पर बड़ा मज़ा है, चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता।

अम्मा आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूंगा।

उस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर, आसमान को मैं छू लूंगा।

झूला झूल रही है डाली, झूल रहा है पत्ता-पत्ता।

इस झूले पर बड़ा मज़ा है, चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता।

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