Amazing Fact about Sita Mata Ji
Today we are presenting माता सीता पर निबंध “10 lines Essay on Mata Sita in Hindi”, देवी सीता मिथिला के नरेश राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं । सीता जी अत्यंत सुंदर व गुणवान थी, सीता जी को सुंदरता, भाग्य, प्रसन्नता, अच्छे चरित्र व समृद्धि जैसे अनेक गुणों का प्रतीक माना जाता है|
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10 lines Essay on Mata Sita in Hindi
- देवी सीता मिथिला के नरेश राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं ।
- सीता जी की माता का नाम सुनयना तथा पिता का नाम जनक था।
- सीता जी को राजा जनक की पुत्री होने के कारण जानकी, जनकसुता, मैथिली व भूसुता आदि नामों से भी प्रसिद्ध है|
- सीता माँ की उर्मिला, मांडवी तथा श्रुतकीर्ति नामक तीन छोटी बहनें थीं।
- सीता जी अत्यंत सुंदर व गुणवान थी, सीता जी को सुंदरता, भाग्य, प्रसन्नता, अच्छे चरित्र व समृद्धि जैसे अनेक गुणों का प्रतीक माना जाता है|
- एक स्वयंवर में शिव धनुष को तोड़ने के पश्चात माता सीता जी का विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्री राम जी से हुआ था|
- इनके दो पुत्र थे जिनका नाम लव व कुश था, लव और कुश का बचपन और उनकी शिक्षा महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में हुई।
- रावण की बहन सुपर्णखा का लक्ष्मण जी से अपमानित होने के पश्चात रावण द्वारा सीता जी का अपहरण किया गया था|
- सीता माता की खोज करते हुए हनुमान ने लंका की अशोक वाटिका में सीता जी के दर्शन किये थे|
- इसके बाद भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के पश्चात माता सीता को रावण की लंका से छुड़ाकर अयोध्या ले गए।
- सीता जी ने सम्पूर्ण जीवन स्त्री व पतिव्रता धर्म का पूर्ण रूप से पालन किया था।
- युद्ध के पश्चात सीता जी को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा था जिसमें वह पूर्णता सफल हुई थी।
सीता जी के चरित्र मह्त्तव
१ सीता जी पतिव्रता नारी का प्रतीक हैं। वो क्ष्री राम के इलावा किसी को सपने में भी नहीं देखना चाहती थीं। रावण के ज़बरदसती समीप आने पर तिनके की ओट का सहारा लेतीं हैं।
२ संस्कारी माता के रूप में लव-कुश को संस्कारी पुत्रों के रुप में संसार के सामने रखा। पिता क्ष्री राम जी के बारे में पता लग जाने पर उनहोंने माता द्वारा आदेश-भद हो कर पिता की हर आज्ञा का पालन किया।
३ त्याग की परिमुर्ति की आज्ञा मान कर अग्नि में प्रवेश किया और अपनी सुचिता का प्रमान दिया।
४ बनवास को बेजने वाली माता कैक्यी के प्रति भी किसी प्रकार का वैमन्सय न रख के आदर्शता का परिचय दिया है।
इसलिये जब कभी भारतीय नारी के आदर्श चरित्र की बात हुई है, तब सीता माता का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है।
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