Subhas Chandra Bose
हेलो दोस्तों, आज हम आपके लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर 10 lines on Netaji Subhas Chandra Bose, पर कुछ रोचक तथ्य एवं निबंध लेकर आए। भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती पर पूरे देश की तरफ से मैं आज कोटि-कोटि नमन करता हूं। ये दिन ऐतिहासिक है।
नेताजी ने हमें संप्रभु भारत का विश्वास दिलाया, जिन्होंने बड़े गर्व के साथ, बड़े आत्मविश्वास, साहस के साथ अंग्रेजी सत्ता के सामने कहा था- मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा। मैं इसे हासिल करूंगा। जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आजाद सरकार को स्थापित किया, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम की जगह ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा लगेगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हर साल नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में घोषित किया है। इसी उत्कृष्ट भावना को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत एक दिन पहले यानी 23 जनवरी से की जाएगी।
10 lines on Netaji Subhas Chandra Bose
Essay Writing
10 lines on Netaji Subhas Chandra Bose in Hindi
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 125 वीं जयंती के उपलक्ष पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस दिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में घोषित किया है और इंडिया गेट में इनकी होलोग्राम प्रतिमा का अवलोकन भी किया, बाद में इस होलोग्राम प्रतिमा को ग्रेनाइट की बनी हुई मूर्ति के रूप में स्थापित कर दिया जाएगा।
- सुभाष चंद्र बोस भारत के महान नेताओं में से एक थे, स्वतंत्रता सेनानी होने के नाते उन्होंने हमेशा देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।
- सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकी बोस और माता का नाम प्रभा देवी था। उनके पिता जानकी बोस एक प्रसिद्ध वकील थे।
- वह अपने माता-पिता की 9वीं संतान थे। सुभाष चंद्र बोस एक अविस्मरणीय राष्ट्रीय नायक हैं।
- सुभाष चंद्र बोस ने आईसीएस की परीक्षा पास कर ली, और इस प्रतियोगिता में वह द्वितीय स्थान पर रहे, लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें काम नहीं करने दिया।
- वह 1919 में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में चौथे स्थान पर थे लेकिन 23 जनवरी 1921 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
- 1939 में बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
- आजाद हिंद फौज की स्थापना 1942 में नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- सुभाष चंद्र बोस ने प्रसिद्ध नारा दिया है, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” जिसका अर्थ है मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
- सुभाष चंद्र बोस 1943 में जापान गए जहां उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन शुरू किया।
- उसकी शादी एमिली नाम की लड़की से हुई थी। जब वह अपने इलाज के लिए ऑस्ट्रिया गए तो वह उससे मिले।
- 18 अगस्त 1945 को जापान के ताइहोकू में एक विमान दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु हो गई, ऐसा कुछ तथ्यों पर माना गया है, लेकिन आज तक उनकी मृत्यु की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है।
10 lines on Netaji Subhas Chandra Bose
10 lines on Netaji Subhas Chandra Bose in English
- Subhash Chandra Bose was one of the great leaders of India, being a freedom fighter, he always fought for the freedom of the country.
- Subhash Chandra Bose’s father name was Janaki Bose and mother’s name was Prabha Devi.His father Janaki Bose was a famous lawyer
- He was the 9th child of his parents.Subhash Chandra Bose is an unforgettable national hero.
- Subhash Chandra Bose passed the ICS examination but Britishers did not allow him to work.
- He was fourth in the Indian Civil Services exam in 1919 but resigned 23rd January 1921.
- The Azad Hind Fauj was formed by Neta Ji Subhash Chandra Bose in 1942.
- Subhash Chandra Bose has given the famous slogan, “Tum Mujhe Khoon Do, Main Tumhe Azadi Dunga” which means Give me blood I will give you freedom.
- Subhash Chandra Bose went to Japan in 1943 where he began the formation of Indian National Army.
- Bose was the President of the Indian National Congress in 1939.
- He was married to a girl named Emily. He met her when he went to Austria for his treatment.
- Netaji died of a plane crash on 18th august 1945 in Taihoku Japan.
Conclusion :
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